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HIV-AIDS: जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव, ART थैरेपी द्वारा इसका प्रभाव किया जा सकता कम


Bokaro: झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बोकारो कुमारी रंजना अस्थाना के निर्देशानुसार आज न्याय सदन बोकारो में एच0आइ०भी० – एड्स के बारे में एक दिवसीय जागरूक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें एन० ए० सी० ओ० के मास्टर ट्रेनर ममता देवी ने उपस्थित पारा लिगल वालेंटियर एवं प्राधिकार के कर्मचारियों को इस संबंध में जानकारी देते हुए इसके विभिन्न पहलुओ को विस्तारपूर्वक बताया गया।

■ संक्रमित लोगो में एआरटी थैरेपी के द्वारा इसका प्रभाव काफी कम किया जा सकता है-

कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर ने बताया कि यह रोग असुरक्षित यौन संबंध, संकमित खुन के सम्र्पक से एवं एक ही सिरिन्ज का बार बार उपयोग करने आदि से होता है। इस रोग का अबतक कोई ठोस इलाज का खोज नही हो पाया है पर संक्रमित लोगो में एआरटी थैरेपी के द्वारा इसका प्रभाव काफी कम किया जा सकता है एवं सही इलाज होने पर व्यक्ति अपना साधारण जीवन भी व्यतित कर सकता है। बड़े से लेकर किशोर इस समस्या से जूझ रहे है। इस प्रॉब्लम को छिपाने की जगह उस पर ध्यान देने की जरूरत है वरना आने वाले समय में स्थिति और बिगड़ सकती है।

■ जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव का उपाय है-

मास्टर ट्रेनर ममता देवी ने सभी पीएलवी को कहा कि वह सुदूरवर्ती ग्रामिण क्षेत्रों में व्यक्तियों को जागरूक करें क्योंकि जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव का उपाय है। मास्टर ट्रेनर ममता देवी ने इस रोग के लक्षण उपचार एवं निदान के बारे में बताते हुए यह भी बताया कि अगर कोई चिकित्सक अगर इसके उपचार से इनकार करता है तो संकमित व्यक्ति एड्स अधिनियम HIV / AIDS ( Prevention and Control) Act. 2017 के अन्तर्गत कारवाई हेतु आवेदन भी कर सकते है।

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो के सचिव नीभा रंजना लकड़ा, पीएलवी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकर के कर्मचारीगण आदि लोग उपस्थित रहे।


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